Patalkot पातालकोट में 3 किलोमीटर नीचे बसे गांव अब आधुनिक हुए, हर हाथ में मोबाइल, हर घर मोटरसाइकिल - गांव सरकार | Gaon Sarkar

Patalkot पातालकोट में 3 किलोमीटर नीचे बसे गांव अब आधुनिक हुए, हर हाथ में मोबाइल, हर घर मोटरसाइकिल

भोपाल। घने जंगल, ऊंचे पहाड़ और खूबसूरत वादियों से भरे पड़े मध्यप्रदेश में कई चौकाने वाले रहस्य हैं। घूमने के लिहाज से मध्यप्रदेश में ऐसे कई स्थान हैं, जहां पहंच जाओ तो ऐसा लगता है, जैसे किसी अलग ही दुनियां में आ गए हैं। इन्हीं में से एक है मप्र के छिंदवाड़ा जिले में स्थित तामियां। तामियां छिंदवाड़ा जिले का एक छोटा सा कस्बा है। पहाड़ी और चारों तरफ जंगल के बीच यह कस्बा बसा हुआ है। Patalkot पातालकोट की वजह से तामियां का नाम देशभर में मशहूर है। तामियां से करीब 25 किलो मीटर दूरी पर पातालकोट के गांव हैं। ये गांव 3 हजार किलो मीटर नीचे हैं। पहले इन गांवों में रहने वाले लोग पहाड़ी चढ़कर ऊपर नहीं आते थे। चारों तरफ पहाड़ी से घिरे इन गांवों के लोग अपना जीवन यापन वहीं पर खेती जंगल जड़ी-बूटी फल से करते थे, लेकिन अब इनका जीवन स्तर पूरी तरह से बदल गय है। इन गांवों तक जाने के लिए जंगलों को काटकर सरकार ने रास्ता तक बना दिया है। Patalkot पातालकोट के इन गांवों में अब लोग मोबाइल चला रहे हैं। इन गांवों में स्कूल, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन जैसी सुविधाएं तक हो गए हैं। हर एक दूसरे घर में अब मोटरसाइकिल हो गई है। गांव लोग रोज मोटरसाइकिल या साइकिल से शहर तक जाते हैं। पातालकोट के कई लोग तो अब पढ़लिखकर सरकारी नौकरी तक कर रहे हैं। इससे इनके जीवन स्तर में सुधार हो गया है। पातालकोट में आप नीचे जाएंगे तो आपको मोबाइल टावर तक लगा मिल जाएगा। 


मुख्य फसल पक्का और ज्वार 
पातालकोट Patalkot के इन गांवों में छोटी-मोटी खेती भी है। यहां की महिलाएं पातालकोट Patalkot से ऊपर आकर मजदूरी भी करती हैं। बारिश के समय यहां के लोग खासकर के महिलाएं ज्वार और मक्का की खेती करती हैं। कुआ और हैंडपंप नहीं होने से यहां आदिवासी गेहूं, धान, चना जैसी फसलें नहीं उगा पाते हैं। 
मिलेंगे। इसके अलावा यह जगह कई औषधीय जड़ी-बूटियां, पौधों, जानवरों और पक्षियों का घर भी है। घाटी में रहने वाले लोगों के लिए पानी का एकमात्र साधन दूधी नदी है। दिलचस्प बात यह है कि दोपहर के बाद पूरा क्षेत्र अंधेरे से इतना घिर जाता है कि सूरज की रोशनी भी इस घाटी की गहराई तक पहुंच नहीं पाती।
Patalkot पातालकोट के गांव देखने जाने के दो रास्ते 
पातालकोट के गांवों को अगर आप देखने जाना चाहते हैं, तो इसके लिए दो रास्ते हैं। तामियां से पातालकोट जाते समय इसका पहला व्यू पाइंट पड़ता है। इस व्यू पाइंट से पातालकोट जाने के लिए कुछ सीडि़यां बनी हुई हैं। ये सीडियां कुछ दूरी तक हैं।इसके बाद आपको पहाड़ी से उतरकर जाना पड़ेगा। यह रास्ता तो बहुत छोटा है, लेकिन उतना ही ज्यादा कठिन है।अगर आप इस रास्ते से नीचे जाना चाहते हैं, तो बच्चों को साथ लेकर न जाएं। वहीं दूसरा रास्ता सड़क मार्ग है। सड़क मार्ग से जाने के लिए आपके साथ अनुभवी ड्राइवर हो तो अच्छा है। वजह यह है कि पातालकोट के गांवों तक जाने के लिए जो सड़क मार्ग है, वह उबड़-खाबड़ और खांटियों से भरा है। ऊंची-ऊंची घाटियां हैं।अगर जरा सी नजर चूक गई तो बड़ा हादसा भी हो सकता है।